Sunday 5 May 2013

अधूरे शब्द...

आज एक अधूरा ख़त मिला
अधूरे शब्द  लिए हुए
अलमारी के कोने में पडा था.
जज्बात तो अब भी उसमे पूरे थे पर अधूरे शब्द
उन जज्बातों को बयाँ न कर पाए.
जिन शब्दों की माला से तुम्हे
हर सांस में महसूस किया,
न जाने क्यों वो शब्द ही अधूरे रह गए.
आज सोचा फिर से इन शब्दों को पूरा करूँ,
एक अधूरे ख़त की हल्की पड़ी स्याही में
गाड़ी स्याही के रंग कुछ और भरूं,
लेकिन न कर सका,
शायद ये शब्द भी तुम्हारे साथ कहीं गुम हो गये.
पर इन अधूरे शब्दों में
तुम अब भी कहीं बाकी हो,
एक एहसास बनकर.


और आज फिर से मेरा अधूरा ख़त
अधूरा ही रह गया.
अलमारी के कोने में जगह तलाशता,
शायद इस इंतज़ार में तुम कभी 
इस ख़त को पूरा करने आओगी.
  

8 comments:

  1. इंतज़ार का सुन्दर पल..

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  2. एहसास भी तभी जवान होते हैं जब मिलन की खुशबू ताज़ा होती है ...
    ऐसे में शब्द अपने आप चल पड़ते हैं ...

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  3. शायद ये शब्द भी तुम्हारे साथ कहीं गुम हो गये.
    पर इन अधूरे शब्दों में
    तुम अब भी कहीं बाकी हो,
    एक एहसास बनकर.
    ....अधूरी आस में भी उम्मीद की कोई न कोई किरण बाकी रहती हैं ..
    बहुत सुन्दर

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  4. Kuchh baaton ko kewal mahsus hi kiya ja sakta hai...unko byan karne ke lie shabd bhi nhi hote aur shayad hone bhi nhi chahiye...

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  5. very nice creation and feelings with feel,इंतज़ार की खुशबू उम्मीद की किरण और आज फिर से मेरा अधूरा ख़त
    अधूरा ही रह गया.
    अलमारी के कोने में जगह तलाशता,
    शायद इस इंतज़ार में तुम कभी
    इस ख़त को पूरा करने आओगी.

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  6. हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति ....

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  7. ख़त भले ही अधुरा रहे ,प्यार का एहसास सदा रहना चाहिए, ख़त पूरा हो जायेगा

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  8. बहुत अच्छी प्रस्तुति संवेदनशील हृदयस्पर्शी मन के भावों को बहुत गहराई से लिखा है

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